
उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में संकाय अध्यक्ष, योजना और विकास के रूप में भी कार्य किया है। वह हिमाचल विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार भी रहे हैं। उनकी अन्य नियुक्तियों में समन्वयक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग प्रकोष्ठ तथा निदेशक-प्रबंधन अध्ययन संस्थान, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय; निदेशक, स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, शूलिनी विश्वविद्यालय (सोलन) आदि रहे हैं।
पटना और रांची विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र प्रो. नड्डा न केवल विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार हासिल कर चुके हैं, बल्कि अपने अध्यापन के अनुभव के दौरान कई बार स्वर्ण पदक सम्मान पा चुके हैं। प्रबंधन विशेषज्ञ के रूप में वे कई संगठनों के सलाहकार भी रहे हैं।
एक नियामक और प्रशासक के रूप में वे पहले शिक्षाविद् हैं जिन्हें हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। प्रो. नड्डा संगठन व्यवहार और विकास के क्षेत्र में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने कई मौलिक लेख लिखे हैं और प्रो. नड्डा एक प्रशिक्षण विशेषज्ञ हैं जिन्होंने देशभर के प्रमुख संगठनों, शिक्षाविदों और कार्यकारी विकास कार्यक्रमों का संचालन किया है । उन्होंने जैनपैक्ट संस्था के सहयोग से बीपीओ क्षेत्र में दो नए पाठ्यक्रमों की रचना की यथा एमबीए- जैव प्रौद्योगिकी तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम। प्रो. नड्डा ने शैक्षणिक उत्कृष्टता की खोज में व्यापक रूप से प्रयास किए हैं। विदेशों में भी कई विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।